‘‘शत्रु से सदा सावधान रहना चाहिए’’
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महाभारत की कथा में चौंतीसवीं कड़ी में प्रस्तुत नौवीं लोककथा - ‘‘शत्रु से सदा सावधान रहना चाहिए’’
प्राचीन काल की बात है। काम्पिल्य नगर के राजा ब्रह्मदत्त बहुत ही न्यायप्रिय राजा थे। उनके महल में पूजनी नामक एक चिड़िया रहती थी, जो उस महल को अपना घर समझती थी। एक दिन उसके अण्डे से एक बच्चा निकला और उसी दिन रानी ने भी एक कुमार को जन्म दिया। दोनों एक साथ पलने और बढ़ने लगे। फिर अचानक एक दिन एक अनहोनी हो गयी। तब क्या होता है, जानने के लिये इस कथा को पढ़ें।
एक सुन्दर संदेश देती इस कथा को पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
http://pawanprawah.com/admin/photo/up2197.pdf
http://pawanprawah.com/paper.php?news=2197&page=10&date=22-05-2017
विश्वजीत ‘सपन’
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महाभारत की कथा में चौंतीसवीं कड़ी में प्रस्तुत नौवीं लोककथा - ‘‘शत्रु से सदा सावधान रहना चाहिए’’
प्राचीन काल की बात है। काम्पिल्य नगर के राजा ब्रह्मदत्त बहुत ही न्यायप्रिय राजा थे। उनके महल में पूजनी नामक एक चिड़िया रहती थी, जो उस महल को अपना घर समझती थी। एक दिन उसके अण्डे से एक बच्चा निकला और उसी दिन रानी ने भी एक कुमार को जन्म दिया। दोनों एक साथ पलने और बढ़ने लगे। फिर अचानक एक दिन एक अनहोनी हो गयी। तब क्या होता है, जानने के लिये इस कथा को पढ़ें।
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विश्वजीत ‘सपन’
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