Saturday, August 14, 2021

देशभक्ति की एक जज़्बाती पुकार

 सम्मानित मित्रो,

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का आगमन निकट है और देशभक्ति की भावना उथल-पुथल कर रही है। हमारे अमर शहीदों को याद करते हुए इस रचना का सृजन एक दशक पहले हुआ था और इसका गायन भी। आप लोगों के पास नहीं पहुँचा इस कारण प्रेषित है। कव्वाली अंदाज़ गायी इस रचना का आनंद लें। 

https://youtu.be/5rX6jJqLLYA

  

देशभक्ति की एक जज़्बाती पुकार

लयात्मक रचना -  शहीदों के नाम बोल उन्हें याद करेंगे        

रचनाकार एवं प्रस्तुति - विश्वजीत ‘सपन’     

संगीत - अमित वी. कपूर 

Sunday, August 1, 2021

ग़ज़ल - फिर वही शाम अब दुबारा है

 सम्मानित मित्रो,

आज एक ग़ज़ल मेरी ओर से आप सभी को समर्पित। सुन्दर-सुन्दर एहसास की ये ग़ज़ल अवश्य आपको रस में भिगो देगी। आप सभी का स्नेह बना रहे। इस मोहक ग़ज़ल का आनंद लें।   


ग़ज़ल - फिर वही शाम अब दुबारा है         

शायर - विश्वजीत ‘सपन’     

प्रस्तुति, संगीत एवं स्वर - विश्वजीत ‘सपन’

इसे सुनने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें।

https://youtu.be/9_5cKEX8UUI