सम्मानित मित्रो,
महाभारत की कथा के क्रम में बाइसवीं कड़ी के रूप में प्रस्तुत है - ‘‘दमयन्ती की दुविधा - भाग 2’’।
हमने पढ़ा था कि राजा नल दमयन्ती के स्वयंवर में जा रहे थे। मार्ग में देवतागण मिले। उन्होंने उन्हें अपना दूत बनकर दमयन्ती के पास जाने को कहा। दूतकार्य समाप्त कर राजा नल पुनः देवताओं के पास गये। जब राजा नल ने भी स्वयंवर में प्रतिभाग करने की अनुमति माँगी, तो देवतागण घबरा गये कि उनके रहते दमयन्ती किसी और का वरण नहीं करेगी, तब देवताओं ने एक चाल चली। पढ़ें और आनंद लें।
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http://pawanprawah.com/paper.php?news=1977&page=6&date=20-02-2017
सादर
विश्वजीत ‘सपन’
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