‘‘संकट में घबराना नहीं चाहिए’’
महाभारत की दूसरी लोककथा में इस कहानी को पढ़ें। इस कड़ी में यह सत्ताइसवीं कथा का प्रकाशन हुआ है। यह धारावाहिक आपको कैसा लग रहा है, इस बारे में आपके विचार अपेक्षित हैं।
प्रस्तुत कथा एक बुद्धिमान चूहे पलित की है, जिसने संकट में अपनी बुद्धिमानी से न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि एक संदेश भी हम सभी को दे गया कि जब आवश्यकता हो, तो किसी से भी मित्रता कर लेनी चाहिए, किन्तु यदि सबल मित्र है, तो उससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
नीचे दिये लिंक को क्लिक करें या नीचे दिये चित्र में इस कथा को पढ़ें।
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http://pawanprawah.com/paper.php?news=2077&page=10&date=03-04-2017
सादर
विश्वजीत ‘सपन’
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