Saturday, April 29, 2017

महाभारत की लोककथा - भाग 5

‘‘गुरु की आज्ञा का पालन धर्म समान है’’
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महाभारत की कथा में तीसवीं कड़ी में प्रस्तुत पाँचवीं लोककथा - ‘‘गुरु की आज्ञा का पालन धर्म समान है’’।

तक्षशिला में आयोद धौम्य नामक एक ऋषि थे। उनके गुरुकुल में उनके कई शिष्य गुरुकुल में ही रहकर पढ़ाई करते थे। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिये जाते थे। उनके तीन प्रधान शिष्य थे - आरुणि, उपमन्यु और वेद। तीनों ही एक से बढ़कर गुरुभक्त थे। यह कथा आरुणि की है कि किस प्रकार उसने अपने प्राण की परवाह किये बिना गुरु की आज्ञा का पालन किया और फसल के लिये जल का संरक्षण किया। 


कहानी पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।


http://pawanprawah.com/admin/photo/up2133.pdf 

http://pawanprawah.com/paper.php?news=2133&page=10&date=24-04-2017 



विश्वजीत ‘सपन’

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