Sunday, July 18, 2021

ले चल मुझे भुलावा देकर, मेरे नाविक धीरे धीरे

 सम्मानित मित्रो,

ले चल मुझे भुलावा देकर, मेरे नाविक धीरे धीरे - जय शंकर प्रसाद की लिखी एक सुन्दर और अर्थयुक्त कविता है अथवा यों कहें कि नवगीत है। जितना निकट से देखेंगे, यह रचना उतनी ही अधिक प्रभावित करती जाती है। इसके गायन में बहुत आनंद का अनुभव हुआ। आप सभी भी इसका आनंद लें।
नवगीत - ले चल मुझे भुलावा देकर, मेरे नाविक धीरे धीरे
गीत रचना - जय शंकर प्रसाद
प्रस्तुति, संगीत एवं स्वर - विश्वजीत ‘सपन’
पूर्ण आनंद लेने हेतु हेडफोन का प्रयोग करें, तो उत्तम।
विश्वजीत ‘सपन’ (11.07.2021)

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