सम्मानित मित्रगण,
महाभारत की कथाओं के क्रम में इस सप्ताह अठारवीं कथा ‘‘नागकन्या उलूपी की प्रेमकथा’’ का प्रकाशन ‘‘पवन प्रवाह’’ पर।
किस प्रकार नागकन्या उलूपी को धनुर्धर अर्जुन से अनुराग होता है और उससे प्रेम करने लगती है। उससे विवाह करने के लिये वह क्या उपक्रम करती है तथा किस प्रकार अर्जुन धर्मसंकट में पड़ते हैं, इस कथा में दर्शाया गया है।
पढ़ें और आनंद लें।
पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें।
http://pawanprawah.com/admin/photo/up1900.pdf
http://pawanprawah.com/paper.php?news=1900&page=10&date=23-01-2017
सादर
विश्वजीत ‘सपन’
महाभारत की कथाओं के क्रम में इस सप्ताह अठारवीं कथा ‘‘नागकन्या उलूपी की प्रेमकथा’’ का प्रकाशन ‘‘पवन प्रवाह’’ पर।
किस प्रकार नागकन्या उलूपी को धनुर्धर अर्जुन से अनुराग होता है और उससे प्रेम करने लगती है। उससे विवाह करने के लिये वह क्या उपक्रम करती है तथा किस प्रकार अर्जुन धर्मसंकट में पड़ते हैं, इस कथा में दर्शाया गया है।
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सादर
विश्वजीत ‘सपन’
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