Saturday, January 28, 2017

नागकन्या उलूपी की प्रेमकथा

सम्मानित मित्रगण,

महाभारत की कथाओं के क्रम में इस सप्ताह अठारवीं कथा ‘‘नागकन्या उलूपी की प्रेमकथा’’ का प्रकाशन ‘‘पवन प्रवाह’’ पर। 


किस प्रकार नागकन्या उलूपी को धनुर्धर अर्जुन से अनुराग होता है और उससे प्रेम करने लगती है। उससे विवाह करने के लिये वह क्या उपक्रम करती है तथा किस प्रकार अर्जुन धर्मसंकट में पड़ते हैं, इस कथा में दर्शाया गया है।


पढ़ें और आनंद लें।


पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें।



http://pawanprawah.com/admin/photo/up1900.pdf





http://pawanprawah.com/paper.php?news=1900&page=10&date=23-01-2017

सादर
विश्वजीत ‘सपन’

Saturday, January 21, 2017

क्षत्राणी विदुला का उद्बोधन

सम्मानित मित्रगण,

महाभारत की कथा की कड़ी में सत्रहवीं कथा का प्रकाशन।


‘‘क्षत्राणी विदुला का उद्बोधन’’


सिंधुराज संजय के पराजित हो जाने पर वह भयभीत हो जाता है। युद्धभूमि छोड़कर भाग जाता है। उसकी माता विदुला को यह पसंद नहीं आता। तब वह किस प्रकार अपने पुत्र को प्रेरित करती है, ताकि संधुराज अपने खोये राज्य को प्राप्त कर सके। कर्तव्य से विमुख को अपने कर्तव्य पथ पर लाने की यह कथा सभी के जीवन के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है। 



इसे पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें।


http://pawanprawah.com/admin/photo/up1884.pdf

http://pawanprawah.com/paper.php?news=1884&page=10&date=16-01-2017 

सादर
विश्वजीत ‘सपन’

Thursday, January 12, 2017

राजकुमारी सुभद्रा का हरण

प्रिय मित्रो,

महाभारत की कहानी की 16 वीं कड़ी प्रस्तुत है। 


किस प्रकार अर्जुन को श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा के प्रति अनुराग होता है और किन परिस्थितियों में उसका हरण होता है, इस कहानी के माध्यम से जाना जा सकता है। 

इसे पढ़ने के लिये नीचे दो लिंक दिये गये हैं। पहला सीधे समाचार पत्र पर ले जाता है तथा दूसरा उसके पीडीएफ पर। कोई भी लिंक पढ़ने के लिये प्रयोग में लाया जा सकता है। 


http://pawanprawah.com/admin/photo/up1868.pdf 

http://pawanprawah.com/paper.php?news=1868&page=10&date=09-01-2017


आपके सुझावों एवं आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।
सादर
विश्वजीत ‘सपन’

Sunday, January 8, 2017

सावित्री की पतिभक्ति

महाभारत की कहानी का पन्द्रहवाँ भाग - ‘‘सावित्री की पतिभक्ति’’।
‘‘पवन प्रवाह’’ एक साप्ताहिक समाचार पत्र है, जो लखनऊ से प्रकाशित है।
आप सभी पढ़ें और अपने विचार प्रकट करें। आपके इस सहयोग का आकांक्षी।
पढ़ने हेतु नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें।


http://pawanprawah.com/paper.php?news=1852&page=10&date=02-01-2017




http://pawanprawah.com/admin/photo/up1852.pdf

विश्वजीत ‘सपन’