Monday, July 17, 2017

महाभारत की लोककथा - भाग 16

‘‘बलवान शत्रु से कभी न करें बैर’’ 
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महाभारत की कथा की 41वीं कड़ी में प्रस्तुत एक लोककथा।
      
गर्व का कारण कुछ भी हो सकता है, किन्तु घमण्ड नहीं होना चाहिए। घमण्ड बुद्धि को नष्ट कर देता है और तब हमें ज्ञात नहीं होता कि हम क्या कर रहे हैं। इस कथा में एक सेमल के वृक्ष के माध्यम से इस शीर्षक को विस्तार दिया गया है कि अपने से बलवान शत्रु से कभी भी बैर नहीं करना चाहिए, क्योंकि तब हार निश्चित होती है। साथ ही यह भी संदेश है कि घमण्ड नहीं करना चाहिए। एक नाटकीय तरीके से इस रहस्य को और तथ्य को इस कथा में समझाया गया है। इसे विस्तार में जानने के लिये यह कथा पढ़ें।  


एक सुन्दर संदेश देती इस कथा को पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।


http://pawanprawah.com/paper.php?news=2309&page=10&date=10-07-2017

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