‘‘ब्रह्म तेज की महिमा’’
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महाभारत की कथा की 58वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा।
महाभारत से भी प्राचीन काल की बात है। विश्वामित्र एक प्रतापी राजा हुए। एक बार उन्होंने मुनि वशिष्ठ की गाय नन्दिनी को बलात् ले जाने का प्रयास किया, तो नन्दिनी ने ब्रह्म तेज के प्रताप से सेना की उत्पत्ति की और विश्वामित्र की पूरी सेना को खदेड़ दिया। विश्वामित्र को उस दिन लगा कि ब्रह्म तेज के समक्ष क्षत्रिय तेज का कोई मोल नहीं। इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
http://pawanprawah.com/admin/photo/up2596.pdf
http://pawanprawah.com/paper.php?news=2596&page=10&date=06-11-2017
विश्वजीत ‘सपन’
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महाभारत की कथा की 58वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा।
महाभारत से भी प्राचीन काल की बात है। विश्वामित्र एक प्रतापी राजा हुए। एक बार उन्होंने मुनि वशिष्ठ की गाय नन्दिनी को बलात् ले जाने का प्रयास किया, तो नन्दिनी ने ब्रह्म तेज के प्रताप से सेना की उत्पत्ति की और विश्वामित्र की पूरी सेना को खदेड़ दिया। विश्वामित्र को उस दिन लगा कि ब्रह्म तेज के समक्ष क्षत्रिय तेज का कोई मोल नहीं। इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
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विश्वजीत ‘सपन’
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