‘‘मुनि का मूल्य’’
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महाभारत की कथा की 54वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा।
प्राचीन काल में च्यवन नामक मुनि ने जल में रहकर तप करने का निश्चय किया। एक दिन मल्लाहों ने उसी स्थल पर जाल फेंका जहाँ वे तप कर रहे थे। तब मछलियों आदि के साथ मुनि भी जाल में फँसकर बाहर आ गये। यह देख मल्लाह भयभीत हो गये। वे भागे-भागे अपने राजा के पास गये। उसके बाद क्या हुआ इसे जानने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
http://pawanprawah.com/admin/photo/up2519.pdf
http://pawanprawah.com/paper.php?news=2519&page=10&date=09-10-2017
विश्वजीत ‘सपन’
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महाभारत की कथा की 54वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा।
प्राचीन काल में च्यवन नामक मुनि ने जल में रहकर तप करने का निश्चय किया। एक दिन मल्लाहों ने उसी स्थल पर जाल फेंका जहाँ वे तप कर रहे थे। तब मछलियों आदि के साथ मुनि भी जाल में फँसकर बाहर आ गये। यह देख मल्लाह भयभीत हो गये। वे भागे-भागे अपने राजा के पास गये। उसके बाद क्या हुआ इसे जानने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
http://pawanprawah.com/admin/photo/up2519.pdf
http://pawanprawah.com/paper.php?news=2519&page=10&date=09-10-2017
विश्वजीत ‘सपन’
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