‘‘अष्टावक्र का शास्त्रार्थ’’
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महाभारत की कथा की 74वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा।
यह एक अनूठी कहानी है, जिसमें अष्टावक्र के पिता को बन्दी नामक विद्वान् ने शास्त्रार्थ में पराजित कर उसे जल-समाधि दे दी। अष्टावक्र बन्दी को सबक सिखाना चाहता है। वह राजा जनक के दरबार में जाता है और उसका शास्त्रार्थ बन्दी से होता है। उस शास्त्रार्थ में क्या-क्या हुआ और उसके बाद क्या होता है, इसे विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
http://pawanprawah.com/admin/photo/up2858.pdf
http://pawanprawah.com/paper.php?news=2858&page=10&date=26-02-2018
विश्वजीत ‘सपन’
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महाभारत की कथा की 74वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा।
यह एक अनूठी कहानी है, जिसमें अष्टावक्र के पिता को बन्दी नामक विद्वान् ने शास्त्रार्थ में पराजित कर उसे जल-समाधि दे दी। अष्टावक्र बन्दी को सबक सिखाना चाहता है। वह राजा जनक के दरबार में जाता है और उसका शास्त्रार्थ बन्दी से होता है। उस शास्त्रार्थ में क्या-क्या हुआ और उसके बाद क्या होता है, इसे विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।
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विश्वजीत ‘सपन’
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