Wednesday, December 6, 2017

महाभारत की लोककथा - भाग 36

‘‘मित्रता और कृतघ्नता’’ का द्वितीय एवं अंतिम भाग
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महाभारत की कथा की 61वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा। 


महाभारत से भी प्राचीन काल की बात है। गौतम की सहायता करने के उद्देश्य से बकराज राजधर्मा उसे अपने मित्र विरूपाक्ष के पास भेजता है। विरूपाक्ष उसकी तत्काल सहायता करता है और गौतम प्रसन्न होकर धन के साथ अपने घर लौटने लगता है। मार्ग में उसकी भेंट पुनः राजधर्मा से होती है। उसके बाद क्या होता है, इसे विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।


http://pawanprawah.com/admin/photo/up2644.pdf

http://pawanprawah.com/paper.php?news=2644&page=10&date=27-11-2017



विश्वजीत ‘सपन’

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